• लेती है इम्तिहान ज़िन्दगी,
लगती है बेईमान ज़िन्दगी।
कदम कदम पर ठिटक ठिटक कर,
करती अति अभिमान ज़िन्दगी।।
• किसी किसी की खास ज़िन्दगी,
किसी की बहुत उदास ज़िन्दगी।
घर घर जाकर देखोगे यदि,
झेल रही उपहास जिन्दगी।।
• कहीं-कहीं गुमनाम जिंदगी,
कहीं पै है बिन काम ज़िन्दगी।
खरी कसौटी पर उतरी हो,
फिर भी है बदनाम ज़िन्दगी।।
• प्रकृति का उपहार ज़िन्दगी,
रहे उठाती भार ज़िन्दगी।
दर दर ठोकर खा करके भी,
जीवन का है सार ज़िन्दगी।।
• नदिया जैसी धार ज़िन्दगी,
जार और बेजार ज़िन्दगी।
दे दे करके रोज़ इम्तिहां,
बैठी खाकर मार ज़िन्दगी।।
लगती है बेईमान ज़िन्दगी।
कदम कदम पर ठिटक ठिटक कर,
करती अति अभिमान ज़िन्दगी।।
• किसी किसी की खास ज़िन्दगी,
किसी की बहुत उदास ज़िन्दगी।
घर घर जाकर देखोगे यदि,
झेल रही उपहास जिन्दगी।।
• कहीं-कहीं गुमनाम जिंदगी,
कहीं पै है बिन काम ज़िन्दगी।
खरी कसौटी पर उतरी हो,
फिर भी है बदनाम ज़िन्दगी।।
• प्रकृति का उपहार ज़िन्दगी,
रहे उठाती भार ज़िन्दगी।
दर दर ठोकर खा करके भी,
जीवन का है सार ज़िन्दगी।।
• नदिया जैसी धार ज़िन्दगी,
जार और बेजार ज़िन्दगी।
दे दे करके रोज़ इम्तिहां,
बैठी खाकर मार ज़िन्दगी।।